मुगल राजाओं के नाम – Mughal Kings Name In Hindi
मुगल राजाओं के नाम हिंदी में (Mughal Kings Name In Hindi) नीचे तालिका में है-
मुगल राजा शासक का नाम | शासनकाल से | शासनकाल तक |
बाबर | 30 April 1526 | 26 December 1530 |
हुमायूं | 26 December 1530 | 17 May 1540 |
अकबर | 27 January 1556 | 27 October 1605 |
जहांगीर | 27 October 1605 | 8 November 1627 |
शाहजहाँ | 8 November 1627 | 31 July 1658 |
औरंगजेब | 31 July 1658 | 3 March 1707 |
बहादुरशाह | 19 June 1707 | 27 February 1712 |
जहांदार शाह | 27 February 1712 | 11 February 1713 |
फर्रुख्शियार | 11 January 1713 | 28 February 1719 |
मोहम्मद शाह | 27 September 1719 | 26 April 1748 |
अहमद शाह बहादुर | 26 April 1748 | 2 June 1754 |
आलमगीर द्वितीय | 2 June 1754 | 29 November 1759 |
शाह आलम द्वितीय | 24 December 1760 | 19 November 1806 |
अकबर शाह द्वितीय | 19 November 1806 | 28 September 1837 |
बहादुर शाह द्वितीय | 28 September 1837 | 14 September 1857 |
मुगल राजाओं के नाम एवं चर्चाः Mughal Kings Name In Hindi
सभी के नाम क्रम से एक एक करके कुछ ज्ञान एवं चर्चा नीचे कर रहें ;
बाबर (30 April 1526-26 December 1530)
बाबर, भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है। वह मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक और पहला मुग़ल सम्राट थे। उनका जन्म 30 अप्रैल 1526 को हुआ और मृत्यु 26 दिसंबर 1530 को हुई।
हुमायूं (26 December 1530-17 May 1540)
उन्होंने चांगेज़ख़ान के खिलाफ चुनौती ली और उन्हें परास्त कर दिया। इसके बाद उन्हें दिल्ली सल्तनत का सम्राट घोषित किया गया। हुमायूँ ने अपने पिता बाबर की मृत्यु के बाद अपने वंश का विस्तार किया और मुग़ल साम्राज्य को नये शहरों पर विस्तारित किया।
अकबर (27 January 1556-27 October 1605)
जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर, मुग़ल साम्राज्य का तीसरा सम्राट था। उन्होंने मुग़ल साम्राज्य को एक विशाल और प्रभावशाली साम्राज्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अकबर को “अकबर वेली” यानी “महान इम्पीरियल” के रूप में भी जाना जाता है। उनकी शासनकाल को “अकबरी काल” के रूप में भी ज्ञात किया जाता है।
जहांगीर (27 October 1605-8 November 1627)
नूरुद्दीन सलीम जहांगीर, मुग़ल साम्राज्य का चौथा सम्राट था। उनकी शासनकाल को “जहांगीरी काल” के रूप में जाना जाता है। जहांगीर ने अपने पिता अकबर के शासनकाल से विभिन्न प्रशासनिक और साम्राज्यिक परंपराओं को जारी रखा। वह एक प्रतिष्ठित कला प्रेमी और साहित्यिक थे। जहांगीर के दौरान, मुग़ल कला की विकास में एक उच्चतम शिखर था।
शाहजहाँ (8 November 1627-31 July 1658)
खुर्रम शाह, जिसे बाद में शाहजहाँ के नाम से जाना जाता है, मुग़ल साम्राज्य का पांचवां सम्राट था। उनकी शासनकाल को “शाहजहानी काल” के रूप में जाना जाता है। शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण करवाया, जो अब भारत का प्रमुख पर्यटन स्थल है और एक विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त की है। उन्होंने अपने पिता जहांगीर की नीतियों को जारी रखा और उनकी साम्राज्यिक परंपरा को आगे बढ़ाया। शाहजहाँ ने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया और इसे एक शानदार शहर बनाने के लिए प्रयास किए।
औरंगजेब (31 July 1658-3 March 1707)
मुग़ल साम्राज्य का छठा सम्राट और अकबर, जहांगीर और शाहजहाँ के बाद के सम्राट थे। उन्होंने अपने पिता शाहजहाँ की पाश्चात्य साम्राज्यिक परंपरा को जारी रखा। औरंगजेब अपने शासनकाल के दौरान बहुत सारे भूभागों पर अपना शासन स्थापित करने के लिए युद्ध और समझौते करें। उन्होंने धर्म और संस्कृति के नाम पर अल्पसंख्यक समुदायों पर निरंकुश शासन चलाया और कठोर शारीरिक प्रतिबंधों को लागू किया। औरंगजेब के शासनकाल में मुग़ल साम्राज्य का स्थानीय शासन प्रणाली की प्रमुखता थी, जिसमें सत्ता के स्तरों पर संगठित अधिकारियों की एक संगठनित प्रणाली थी।
बहादुरशाह (19 June 1707-27 February 1712)
बहादुरशाह, मुग़ल साम्राज्य का सत्तावान और अंतिम सम्राट था। उनकी शासनकाल को “बहादुरशाही काल” के रूप में जाना जाता है। उनकी शासनकाल में साम्राज्य का दिल्ली के इंपीरियल कम्पाउंड में स्थानांतरित होने की घोषणा हुई, जो आज रेड फोर्ट के रूप में जाना जाता है। बहादुरशाह के शासनकाल में मुग़ल साम्राज्य का अंत शुरू हुआ और सम्राट औरंगजेब के निधन के बाद साम्राज्य में द्वंद्व और संकट उठने लगे।
जहांदार शाह (27 February 1712-11 February 1713)
जहांदार शाह मुग़ल साम्राज्य का आठवां सम्राट था और उनकी शासनकाल को “जहांदारी काल” के रूप में जाना जाता है। उनकी शासनकाल में साम्राज्य में आंशिक विघटन और विपणन के संकट उठे। जहांदार शाह की शासनकाल अत्यंत छोटी थी, केवल एक वर्ष की अवधि थी। उन्हें दिल्ली में मुग़ल साम्राज्य के सिंहासन पर बैठने का मौका नहीं मिला, और वे आगरा में रहे।
फर्रुख्शियार (11 January 1713-28 February 1719)
फर्रुख्शियार, मुग़ल साम्राज्य का नौवां सम्राट था और उनकी शासनकाल को “फर्रुख्शियारी काल” के रूप में जाना जाता है। उनकी शासनकाल में साम्राज्य में राजनीतिक और सैन्य अस्थिरता थी। फर्रुख्शियार के शासनकाल में विपणन और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अस्थायी सुधार देखा गया। उन्हें अपने शासनकाल में दिल्ली के इंपीरियल कम्पाउंड में नहीं बुलाया गया था और वे अगरा में रहे। फर्रुख्शियार के शासनकाल में साम्राज्य के आंतरिक और बाहरी दुश्मनों का सामना किया गया, जिसने उनकी सत्ता को कमजोर किया।
मोहम्मद शाह (27 September 1719-26 April 1748)
मोहम्मद शाह नौसवां मुग़ल सम्राट थे और उनकी शासनकाल को “मोहम्मदशाही काल” के रूप में जाना जाता है। उनकी शासनकाल में मुग़ल साम्राज्य की स्थिति और सत्ता कायम रही। मोहम्मद शाह के शासनकाल में कला, साहित्य और संगीत की प्रोत्साहन प्रथा चर्चित थी। उन्होंने दिल्ली में अपने समय के बड़े इमारती प्रोजेक्ट्स शुरू किए, जिनमें शालीमार बाग़ और रंजीत सिंहजी की दुकान शामिल थीं।
अहमद शाह बहादुर (26 April 1748-2 June 1754)
उपनाम: वह “अहमद शाह बहादुर” के रूप में मशहूर थे। पिता: उनके पिता का नाम था मुहम्मद शाह रंगीला। बादशाहत की उपाधि: अहमद शाह बहादुर ने 1748 में बादशाही की उपाधि प्राप्त की। अवधि: उनकी शासनकाल की अवधि 6 साल रही, जिसमें वह बादशाही का कार्यभार संभालते रहे। आधिकारिक नाम: उनका आधिकारिक नाम “अहमद शाह” था। शासन: अहमद शाह बहादुर के शासनकाल में मुग़ल साम्राज्य में अस्थायीता और अस्तव्यस्तता थी।
आलमगीर द्वितीय (2 June 1754-29 November 1759)
जन्म: आलमगीर द्वितीय का जन्म नवंबर 1699 में हुआ था। उपनाम: वह “आलमगीर द्वितीय” के रूप में मशहूर थे। पिता: उनके पिता का नाम था मुहम्मद शाह। बादशाहत की उपाधि: आलमगीर द्वितीय ने 1754 में बादशाही की उपाधि प्राप्त की। शासनकाल: उनकी शासनकाल की अवधि 5 वर्ष और 5 महीने रही। आधिकारिक नाम: उनका आधिकारिक नाम “आलमगीर द्वितीय” था।
शाह आलम द्वितीय (24 December 1760-19 November 1806)
उपनाम: वह “शाह आलम द्वितीय” के रूप में मशहूर थे। पिता: उनके पिता का नाम था अहमद शाह बहादुर। बादशाहत की उपाधि: शाह आलम द्वितीय ने 1759 में बादशाही की उपाधि प्राप्त की। शासनकाल: उनकी शासनकाल की अवधि लगभग 46 वर्ष रही। आधिकारिक नाम: उनका आधिकारिक नाम “अलमगीर द्वितीय” था। शासन: शाह आलम द्वितीय के शासनकाल में मुग़ल साम्राज्य की स्थिति और शक्ति काफी कमजोर हो गई थी। दिल्ली का परिवर्तन: उनके शासनकाल में दिल्ली मराठों के हाथ से ब्रिटिश के अधीन चली गई और 1803 में उन्होंने राजधानी को कलकत्ता स्थानांतरित किया।
अकबर शाह द्वितीय (19 November 1806-28 September 1837)
पिता: उनके पिता का नाम था जहांगीर शाह। बादशाहत की उपाधि: अकबर शाह द्वितीय ने 1806 में बादशाही की उपाधि प्राप्त की। शासनकाल: उनकी शासनकाल की अवधि लगभग 31 वर्ष रही। शासन की स्थिति: उनके शासनकाल में मुग़ल साम्राज्य की स्थिति और सत्ता कमजोर हो गई थी। अंग्रेजों के प्रभाव: उनके शासनकाल में ब्रिटिश साम्राज्य ने मुग़ल साम्राज्य पर अपना प्रभाव बढ़ाया। आवास: अकबर शाह द्वितीय का आधिकारिक आवास लाल किले में था।
बहादुर शाह द्वितीय (28 September 1837-14 September 1857)
जन्म: बहादुर शाह द्वितीय का जन्म 24 अक्टूबर 1775 को हुआ था। उपनाम: उन्हें “बहादुर शाह” के नाम से भी जाना जाता था। पिता: उनके पिता का नाम था अकबर शाह द्वितीय। बादशाहत की उपाधि: बहादुर शाह द्वितीय ने 1837 में बादशाही की उपाधि प्राप्त की। शासनकाल: उनकी शासनकाल की अवधि लगभग 19 वर्ष रही।
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